Why are Hindi films not running in South ? Yash’s great answer to Salman Khan’s question.
Salman Khan और Yash के बीच जबरदस्त कोल्ड वॉर चालू हो गई है, जो एक पुराने मुददे पर छिड़ी है। दरअसल, कई सालों से इंडस्ट्री में हिंदी और साउथ फिल्मों के कम्पेरिज़न कॉम्पिटिशन और कलेक्शन को लेकर भयंकर वॉर चल रही है, जो की आज भी रुकी नहीं है। साउथ की फ़िल्म है जो नॉर्थ में कमाल कर ही रही है, लेकिन नॉर्थ की पकड़ साउथ में आज भी ढीली नजर आती है।
हिंदी बेल्ट वालों को हमेशा इस बात की शिकायत रहती है कि उनकी फ़िल्म में साउथ मैं उतना नहीं चल पाती। पिछले दिनों पहले सलमान खान ने भी इस मु्द्दे पर खुलकर बात की थी। सलमान खान ने एक इवेंट में कहा था कि साउथ की फिल्मों को हिंदी पट्टी के दर्शक पसंद कर रहे हैं, वो खूब पैसा कमा रही हैं लेकिन बॉलीवुड फ़िल्में साउथ में क्यों नहीं चल रही है? उनके इस सवाल का जवाब यश यानी की रॉकी भाई ने किया है
यश ने बॉलीवुड लाइफ से बात करते हुए सलमान खान के इस सवाल का जवाब देते हुए कहा, ऐसा नहीं है। हमारी फिल्मों को भी कभी ऐसा रिस्पॉन्स नहीं मिला लेकिन हुआ ये कि हमारी फिल्मों के डब्ड वर्जन नॉर्थ इंडिया में खूब दिखाए गए। लोग इस बात को जानने लगे कि हम क्या बना रहे हैं। पहले तो लोगों ने हमारे काम को मजाक बनाया। इसकी वजह थी फिल्मों की खराब डबिंग। हमारी फिल्मों पर ध्यान नहीं दिया गया। धीरे धीरे लोग हमारी फिल्मों को समझने लगे, हमारी सिनेमा को पसंद करने लगे। यह रातोंरात नहीं हुआ। इसमें कई साल लगे। वो हमारी फिल्मों को संदर्भ समझने लगे, जिसके बाद हमें बड़े लेवल पर लोगों से जोड़ पाए।
इसका क्रेडिट प्रभास और राजमौली को जाता है। केजीएफ की कमर्शल सक्सेस के बाद हमें लगा कि केजीएफ टू पैन इंडिया फ़िल्म हो सकती है।
जब यश से यह पूछा गया कि साउथ में बॉलीवुड फ़िल्म में कैसे काम करेगी तो इस पर उन्होंने कहा, मुझे लगता है की जैसे हमारी फ़िल्म में उधर पहुंची उसी तरीके से वहाँ की फिल्मों को की हमारी तरफ आना होगा क्योंकि कल्चर का बहुत बड़ा फर्क है। हमारे कल्चर से जुड़कर और समझकर फ़िल्में बनानी होगी। सलमान सर की बात सही है की नॉर्थ की फ़िल्में साउथ में नहीं चलती, मगर उनमें बहुत पोटेंशिअल है। उन्हें बस कल्चर से जुड़ाव पर काम करना है। हम सभी को हिंदी फ़िल्में देखना बहुत पसंद है।